SCO Summit 2024 Second Day: इस्लामाबाद में चल रहे शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) समिट 2024 का नजारा कुछ खास है। दुनिया भर से आए नेता गंभीर चर्चाओं और बैठकों में डूबे हुए हैं, लेकिन भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर अपनी व्यस्त दिनचर्या के बीच खाली समय का अनोखा आनंद लेते दिख रहे हैं। आधिकारिक कार्यों से परे, जयशंकर ने बुधवार की सुबह भारत और पाकिस्तान के उच्चायोग के सहकर्मियों के साथ एक ताज़गी भरी सैर का लुत्फ उठाया। उन्होंने इस पल को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा, “हमारे उच्चायोग परिसर में भारत-पाकिस्तान टीम के सहकर्मियों के साथ सुबह की सैर।
समिट के दूसरे दिन का रोमांच
आज, 16 अक्टूबर 2024, समिट का दूसरा दिन है और जिन्ना कन्वेंशन सेंटर में माहौल बेहद गर्मजोशी भरा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अपने स्वागत भाषण से समिट के सत्र की शुरुआत करेंगे। समूह फ़ोटोग्राफ़ से शुरुआत होने वाली इस दिनचर्या के बाद शरीफ का उद्घाटन भाषण होगा, जिसमें वह क्षेत्रीय सहयोग और संगठन की प्राथमिकताओं पर जोर देंगे। इसके बाद, विभिन्न दस्तावेजों पर हस्ताक्षर होंगे, जो इस शिखर सम्मेलन के प्रमुख निर्णयों की नींव रखेंगे।
A morning walk together with colleagues of Team @IndiainPakistan in our High Commission campus. pic.twitter.com/GrdYUodWKC
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) October 16, 2024
लंच का खास न्यौता
दोपहर होते-होते, शहबाज शरीफ SCO Summit 2024 में आए सभी विशिष्ट अतिथियों के लिए एक विशेष आधिकारिक लंच की मेजबानी करेंगे। इस दौरान, सभी देशों के प्रतिनिधि एक साथ बैठकर न सिर्फ स्वादिष्ट पकवानों का आनंद लेंगे, बल्कि आपसी संवाद को भी और मजबूत करेंगे। इस तरह की अनौपचारिक मुलाकातें अक्सर कई महत्वपूर्ण समझौतों और विचार-विमर्शों की नींव होती हैं।
कौन-कौन हुआ है शामिल?
इस समिट में बड़े खिलाड़ी जैसे भारत, चीन, रूस, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान, बेलारूस और उजबेकिस्तान के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। ईरान के प्रथम उपराष्ट्रपति और मंगोलिया के प्रधानमंत्री भी इस महत्वपूर्ण आयोजन का हिस्सा बने हैं। वहीं, तुर्कमेनिस्तान के विदेश मंत्री विशेष अतिथि के तौर पर आमंत्रित हैं, जो समिट के प्रति उनकी रुचि को दर्शाता है।
चर्चा के महत्वपूर्ण मुद्दे
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के मुताबिक, SCO Summit 2024 के आज के सत्र की चर्चा मुख्यतः आर्थिक सहयोग, व्यापारिक संभावनाओं, पर्यावरणीय चुनौतियों और सामाजिक-सांस्कृतिक संबंधों पर केंद्रित रहेगी। इस बातचीत का उद्देश्य न सिर्फ वर्तमान समस्याओं का समाधान खोजना है, बल्कि भविष्य की संभावनाओं को भी परखना है। सभी नेता एससीओ के बजट को मंजूरी देने और सहयोग के नए रास्ते तलाशने पर विचार करेंगे।