नई दिल्ली: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने जूनियर डॉक्टरों की भूख हड़ताल पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से एक महत्वपूर्ण अपील की है। आईएमए के अध्यक्ष डॉक्टर आरवी अशोकन और महासचिव अनिल कुमार जे नायक ने पत्र में लिखा है कि लगभग एक सप्ताह से पश्चिम बंगाल के युवा डॉक्टर आमरण अनशन पर हैं, और उनकी मांगें पूरी तरह जायज हैं। आईएमए ने इस पत्र के जरिए ममता बनर्जी से हस्तक्षेप करने और जल्द से जल्द डॉक्टरों के मुद्दों को सुलझाने की अपील की है।
आईएमए का मानना है कि बंगाल सरकार डॉक्टरों की सभी मांगें पूरी करने में सक्षम है, और उनका शांतिपूर्ण माहौल व सुरक्षा की मांग कोई अनुचित नहीं है। संगठन ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वे डॉक्टरों की समस्याओं को एक मुखिया और एक नेता के रूप में समझें और जल्द ही कोई समाधान निकालें।
मामला क्या है?
पश्चिम बंगाल के जूनियर डॉक्टर लंबे समय से आंदोलनरत हैं। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक पीजी ट्रेनी डॉक्टर की रेप और हत्या के मामले में न्याय की मांग को लेकर ये हड़ताल शुरू हुई थी। इस घटना के बाद देश भर में डॉक्टरों ने विरोध जताया था, जिससे कई राज्यों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई थीं।
सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद देशभर की हड़ताल खत्म हुई थी, लेकिन पश्चिम बंगाल के डॉक्टर अभी भी अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं। उनकी मुख्य मांग है कि राज्य सरकार उन्हें सुरक्षा दे और दोषियों पर कार्रवाई करे।
अब आईएमए ने भी इस हड़ताल को खत्म करवाने के लिए ममता बनर्जी से अनुरोध किया है। उन्होंने यह भी कहा कि देश का पूरा चिकित्सा समुदाय इस मामले को लेकर चिंतित है और मुख्यमंत्री पर भरोसा करता है कि वे डॉक्टरों की जान बचाने में सफल होंगी।
आईएमए, जो देश के डॉक्टरों की एक प्रमुख संस्था है, का मुख्यालय दिल्ली में स्थित है।