तीसरी बार सत्ता में आने के बावजूद, भाजपा के नेताओं के दिलों में बहुमत न मिलने की टीस अब भी ताज़ा है। चुनाव प्रचार के दौरान 400 पार की दावेदारी करने वाली पार्टी को गठबंधन सरकार से संतोष करना पड़ा। इस पृष्ठभूमि में, वरिष्ठ मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju ) ने राजनीति के गिरते स्तर पर चिंता व्यक्त की है।
Kiren Rijiju का कहना है कि पहले संसद में सार्थक और गंभीर चर्चाएं होती थीं, पर अब सदन शोरगुल से भर गया है। उन्होंने कहा कि आजकल आप चाहे कितने भी अच्छे काम करें, लोग उसे वोट में तब्दील नहीं करते। उनकी नज़र में, देश की जनता की मानसिकता बदल गई है। पहले जहाँ अच्छे काम की सराहना होती थी, अब बहुत कम लोग उसे महत्व देते हैं।
रिजिजू का यह बयान काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें उन्होंने न केवल अपने चुनावी अनुभव का जिक्र किया बल्कि समाज और राजनीति की मौजूदा स्थिति पर भी अपनी चिंताएँ साझा कीं। उन्होंने कहा, “मैंने सात चुनाव लड़े हैं और मैंने देखा है कि लोग कितने बदल चुके हैं। आज आप अच्छा काम करें, तो भी वोट नहीं मिलता।”
Kiren Rijiju की टिप्पणी में गहरी निराशा झलकती है, खासकर जब उन्होंने कहा कि उन्होंने चुनाव नामांकन के बाद न प्रचार किया, न काउंटिंग में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा, “मैंने सोचा कि लोगों की नब्ज़ को परखता हूँ।”
उन्होंने यह बातें एक समारोह के दौरान कहीं, जहाँ उन्हें समाजसेवा में उत्कृष्ट योगदान देने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं को सम्मानित करना था। उनके अनुसार, राजनीति और सामाजिक व्यवस्था दोनों ही बिगड़ चुकी हैं।