
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की सड़कों को सुधारने और उन्हें बेहतरीन बनाने के लिए एक सशक्त पहल शुरू की है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जनप्रतिनिधियों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जिले की सड़कों को सुधारने का मिशन शुरू हो चुका है—चाहे वह ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी क्षेत्र, हर जगह सड़कों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी ने सांसदों और विधायकों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि अगले 15 दिनों में अपने क्षेत्रों में नई सड़कों, बाईपास, पुलों और पुरानी सड़कों की मरम्मत के लिए प्रस्ताव तैयार करें। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस कार्य के लिए धन की कोई कमी नहीं होगी। इस दिशा में हर जनप्रतिनिधि को जिला प्रशासन के साथ मिलकर काम करना होगा, ताकि सड़कों की स्थिति को सुधारने में तेजी लाई जा सके।
मुख्यमंत्री का यह प्रयास सिर्फ सड़कों तक सीमित नहीं है। धार्मिक, ऐतिहासिक और पर्यटन स्थलों की कनेक्टिविटी में सुधार भी इस मिशन का एक अहम हिस्सा है। औद्योगिक और लॉजिस्टिक पार्कों के आसपास की सड़कों को भी बेहतर बनाया जाएगा, जिससे विकास के नए द्वार खुलेंगे।
जिन जिलों में बाईपास मार्ग की जरूरत है, वहां भी जनप्रतिनिधियों को प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया गया है। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन इलाकों में 250 से अधिक की आबादी है, वहां पक्की सड़कों का निर्माण अनिवार्य है।
सीएम योगी ने प्रदेश में चल रहे गड्ढा मुक्त अभियान के पहले चरण को 10 अक्टूबर तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, उन्होंने भारी वाहनों की ओवरलोडिंग पर सख्त कार्रवाई करने और इंटरनेशनल कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाने की योजनाओं पर भी जोर दिया है।
इस पूरी बैठक में प्रदेश के तमाम प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल रहे, और योगी सरकार के इस नए अभियान ने उत्तर प्रदेश में सड़कों के विकास के लिए एक ठोस रूपरेखा तैयार कर दी है।