JSSC CGL : झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अनुरोध किया है कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) द्वारा आयोजित सीजीएल (संयुक्त स्नातक स्तर) परीक्षा में मिल रही शिकायतों की जांच कराई जाए। उनका यह कदम परीक्षा की विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए है।
राज्यपाल ने सीएम सोरेन को लिखे पत्र में छात्र संगठनों और छात्रों द्वारा परीक्षा से संबंधित जो सूचनाएं प्राप्त हुई हैं, उन्हें संलग्न किया है। साथ ही, उन्होंने जेएसएससी के अध्यक्ष से भी मामले की स्पष्टता के लिए तथ्यों के साथ जवाब देने को कहा है।
पेपर लीक का आरोप: छात्र संगठनों की चिंता
ज्ञात रहे कि 21 और 22 सितंबर को आयोजित सीजीएल परीक्षा में कई छात्र संगठनों ने गड़बड़ी की शिकायतें की हैं। छात्रों का आरोप है कि 22 सितंबर को पहली पाली की परीक्षा शुरू होने से पहले ही प्रश्नों के उत्तर कुछ अभ्यर्थियों के पास उपलब्ध थे। परीक्षा के बाद यह भी सिद्ध हो गया कि पहले लिए गए जीएस के पेपर में गणित, रीजनिंग, और कंप्यूटर के सभी प्रश्नों को दोहराया गया था।
JSSC CGL: छात्रों का कहना है कि 2022 में पूछे गए 20 प्रश्न बिना बदलाव के फिर से पूछे गए हैं, जबकि रीजनिंग का एक प्रश्न SSC CGL 2019 से और कंप्यूटर का प्रश्न JBPAS RRC 2023 से लिया गया था। कई जगहों पर प्रश्न पत्र के पैकेट पहले से खुले मिले, जिससे छात्रों ने परीक्षा रद्द करने और सीबीआई से जांच कराने की मांग की है।
जेएसएससी अध्यक्ष का स्पष्टीकरण: चुनौती का सामना
छात्रों और संगठनों के आरोपों के बाद, जेएसएससी के अध्यक्ष ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यदि पेपर लीक का सबूत मिलता है तो परीक्षा रद्द की जाएगी। उन्होंने बताया कि 6,39,900 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, जिनमें से 3,04,769 ने परीक्षा दी। उन्होंने दावा किया कि परीक्षा पूरी तरह से कदाचार-मुक्त और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई है।
अध्यक्ष ने यह भी कहा कि 6.39 लाख अभ्यर्थियों के लिए 20 लाख उत्तरपुस्तिकाएं छापी गई थीं, जिनमें से कुछ का सील खुला हो सकता है, लेकिन पेपर लीक नहीं हुआ है। उन्होंने स्पष्ट किया कि परीक्षा कक्ष में अभ्यर्थियों के सामने ही पेपर खोला गया था। इस बीच, मामले की सीबीआई जांच के लिए हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की गई है।