कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉक्टर के साथ हुई दुष्कर्म और हत्या की घटना की जांच कर रही CBI ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में एक पत्र का जिक्र करते हुए बताया कि स्थानीय टाला थाने में घटना से जुड़े कई तथ्यों को बदलने और नष्ट करने का प्रयास किया गया है।
प्रमुख खुलासे:
- थाने में गलत तथ्य गढ़ना: सीबीआई का दावा है कि घटना से संबंधित कुछ तथ्य थाने में बदल दिए गए हैं। यह जानकारी आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और टाला थाने के पूर्व प्रभारी अभिजीत मंडल से पूछताछ के दौरान मिली।
- सीसीटीवी फुटेज की जांच: सीबीआई ने कहा कि टाला थाने के सीसीटीवी फुटेज और अन्य डिजिटल रिकॉर्ड को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है, जिसके परिणाम आने वाले हैं।
- न्यायिक हिरासत: संदीप घोष और अभिजीत मंडल को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। सीबीआई ने इनके नार्को एनालिसिस और पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए आवेदन दिया, लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी।
जूनियर डॉक्टरों का आंदोलन:
- जूनियर डॉक्टरों ने अस्पताल में धमकी देने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि 51 लोगों पर धमकी देने का आरोप लगाया गया है और न्याय की मांग को लेकर फिर से आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।
पोस्टमार्टम पर उठे सवाल:
- पीड़िता के माता-पिता ने सीबीआई को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि पोस्टमार्टम के दौरान उन्हें और उसके सहपाठियों को मौजूद नहीं रहने दिया गया। उन्होंने कहा कि कुछ बाहरी लोगों को पोस्टमार्टम रूम में घुसने दिया गया था।
यह मामले में कई सवाल उठते हैं, विशेषकर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया और थाने में हुए परिवर्तनों के संबंध में। CBI की जांच का असर अब इस मामले में नई दिशा दे सकता है।