Delhi : अदालत ने साल 2017 में पांच साल की बच्ची से दुष्कर्म करने और उसकी पीटकर हत्या करने के मामले में 25 वर्षीय दोषी को आजीवन कारावास की कठोर सजा सुनाई है।
अपने फैसले के दौरान अदालत ने कहा कि दोषी की ऐसी क्रूरता उसकी आपराधिक मानसिकता को दर्शाती है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमित सहरावत के द्वारा उस दोषी के खिलाफ एक मामले की सुनवाई की कर रही थी, जो की अपराध के दौरान किशोर था। अब उस पर एक वयस्क अपराधी के तौर पर मुकदमा चलाया जा रहा है।
युवक को पीठ के द्वारा दुष्कर्म और हत्या का अपराध करने का दोषी पाया गया । पीड़ित के माता-पिता को भी 17 लाख रुपये मुआवजा देने की भी अदालत ने घोषणा की।
अदालत की ओर से कहा गया कि वर्तमान मामले में कानून के साथ संघर्ष में बच्चे (सीसीएल) के खिलाफ गंभीर कारक यह है कि सबसे पहले तो उसने एक पांच साल की बच्ची के साथ कुकर्म किया। फिर बड़ी बेरहमी से बच्ची के सिर पर उसने पत्थर मारकर उसकी हत्या कर डाली। अपने आदेश में अदालत ने कहा कि इस तरह के जघन्य अपराध का कारण सीसीएल और उसके आपराधिक मनोविज्ञान द्वारा की गई क्रूरता को प्रदर्शित करता है, जो की अपराध के वक्त मौजूद था।
अदालत ने आगे कहा की सीसीएल ने जब यह अपराध किया, तब वह एक किशोर (16 वर्ष से अधिक) था। उसके पास किसी एक वयस्क की तरह मनोवैज्ञानिक परिपक्वता नहीं थी, इस कारण उसकी तुलना किसी वयस्क अपराधी से नहीं हो सकती थी। पीड़ित के माता-पिता को 17 लाख रुपये मुआवजा देने की भी अदालत की ओर से घोषणा की गई है।