केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कर्नाटक की सत्तारूढ़ कांग्रेस के उन आरोपों को झूठा प्रचार करार दिया कि केंद्र ने इस राज्य की उपेक्षा की है.
सीतारमण ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि कर्नाटक को केंद्र से 50 वर्षों के लिए 10,041 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त ऋण मिलने वाला है. उन्होंने बताया कि 2009 और 2014 के बीच जब कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार केंद्र में थी तो कर्नाटक को रेलवे के लिए मात्र 835 करोड़ रुपये मिले. पर इस वर्ष के बजट में राज्य के रेलवे विकास के लिए 7,559 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. कलबुर्गी को पार्क के निर्माण के लिए 200 करोड़ मिलने वाले हैं.
सीतारमण ने कहा कि राज्य में आईआईटी धारवाड़, तुमकुर में दक्षिण भारत के पहले औद्योगिक गलियारे और स्मार्ट सिटीज मिशन के लिए सात शहरों के चयन जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाएं शामिल हैं. इसके लिए 6 हजार करोड़ से अधिक आवंटित किए गए. 15 हजार करोड़ की 904 परियोजनाओं को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है और बोइंग इंडिया ने बेंगलुरु में अपना सबसे बड़ा परिसर स्थापित किया है.
आदिवासियों के पैसों की हेराफेरी करना क्या न्याय है राज्य के वाल्मीकि घोटाले को लेकर सीतारमण ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया पर निशाना साधा. उनसे पूछा कि क्या आदिवासी वाल्मीकि समुदाय के पैसे की हेराफेरी करना न्याय है. कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति निगम में 88 करोड़ के अवैध निकासी सहित 187 करोड़ के घोटाले का जिक्र करते हुए सीतारमण ने सिद्धरमैया पर तथ्यों को छिपाने और केंद्र सरकार पर दोष मढ़ने का आरोप लगाया.
सिद्धरमैया ने आरोप लगाया था सिद्धरमैया ने आरोप लगाया था कि केंद्रीय वित्त मंत्री को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए क्योंकि घोटाले में राष्ट्रीयकृत बैंक शामिल थे. मंत्री ने कहा कि बैंक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है और आगे भी कार्रवाई होगी. बता दें कि यह घोटाला तब प्रकाश में आया जब निगम के लेखा अधीक्षक चंद्रशेखरन पी ने आत्महत्या कर ली थी.