दुर्ग. स्कूल शिक्षा विभाग की लचर व्यवस्था के चलते एक ओर जहां स्कूलों में स्टाफ की कमी है. वहीं दूसरी ओर कई स्कूलों में अत्तिरिक्त स्टॉप भी है. इस वजह से संतुलन बिगड़ गया है. पिछले दिनों जिले के कई स्कूलों में अतिशेष शिक्षकों को लेकर बवाल मचा था. इसके उलट अब स्थिति यह है कि जिले के 125 प्राथमिक शालाओं में हेड मास्टर ही नहीं है. यानी स्कूलों का हाल बेहाल है. बिना प्रधान पाठक के इन 125 स्कूलों का संचालन किया जा रहा है. स्वीकृत पद अनुसार पदों की पूर्ति नहीं होने से यह स्थिति निर्मित हो रही है.
बताया जा रहा है कि सहायक शिक्षकों को प्राथमिक शाला के प्रधानपाठक पद पर पदोन्नति दिए जाने की प्रक्रिया चल रही है. इसी प्रक्रिया के तहत प्रधान पाठक के रिक्त 125 पद भरे जा सकते हैं. दुर्ग जिले में शासकीय स्तर पर 550 से अधिक प्राथमिक शाला संचालित है. इस वजह से करीब 550 प्रधान पाठक के पद भी स्वीकृत है. इनमें से 125 पद रिक्त बताए गए हैं. इन्हीं पदों को पदोन्नति से भरने सहायक शिक्षकों की वरिष्ठता सूची जारी की गई है. वरिष्ठता सूची में रेगुलर सहायक शिक्षक तथा सहायक शिक्षक एलबी भी शामिल है. अमूमन देखा गया है कि रेगुलर सहायक शिक्षक प्रधान पाठक के पद पर जाना नहीं चाहते. दूरदराज का स्कूल मिले तो उनके लिए और कठिन स्थिति हो जाती है. वहीं दूसरी ओर सहायक शिक्षक एलबी प्रमोशन के लिए बेहद उत्सुक है. इन 125 रिक्त पदों में करीब 77 पद सहायक शिक्षक एलबी से भरे जाने की उम्मीद है. शिक्षा विभाग से जुड़े तमाम संगठन भी पदोन्नति प्रक्रिया को पहले किए जाने की मांग कर रहे हैं. उसके बाद ही अतिशेष शिक्षकों का समायोजन करने की बात कह रहे हैं.
पदोन्नति प्रक्रिया अंतिम चरण में
जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद मिश्रा के मुताबिक सहायक शिक्षकों को प्राथमिक शालाओं के प्रधान पाठक पर पदोन्नत किए जाने की कार्रवाई चल रही है. यह कार्रवाई अंतिम चरण में है. उन्होंने बताया कि सहायक शिक्षकों की वरिष्ठता संबंधी अंतिम सूची भी जारी कर दी गई है. करीब 125 रिक्त पद भरे जाएंगे.