
NEET परीक्षा में हुई गड़बड़ी से देश में काफी बवाल मचा हुआ ,छात्रों में इसको लेकर भारी आक्रोश फैला हुआ है,इस बीच कोर्ट में भी अब फैसला हो गया है की जिन भी छात्रों को परीक्षा में ग्रेस मार्क्स दिए गए थे उन्हें परीक्षा के दोबारा अवसर मिलेंगे,वही इस मामले पर सियासी पारा भी हाई हो गया है..विपक्षी नेता सत्ताधारी पार्टी पर इस घटना को लेकर हमला बोल रहे हैं..
समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने भी अब नीट मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है, जिसमे उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल खड़े किए है। कथित गड़बड़ी पर उन्होंने कहा है की पीएम मोदी का इसपर चुप रहना सही नहीं है। इस मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में उचित जांच होनी चाहिए।
पीटीआई को दिए इंटरव्यू में सिब्बल ने कहा कि मुद्दा नीट की परीक्षा का नहीं है। यह भ्रष्टाचार का मुद्दा है। उत्तर प्रदेश में हमने पेपर लीक होते देखा है। अब पूरे देश में यह हम होते देख रहे हैं। परीक्षण प्रणाली यदि किसी परीक्षा में भ्रष्ट हो जाती है, तब प्रधानमंत्री के लिए चुप रहना ठीक नहीं है।
उन्होंने अपने बयान में कहा कि इस देश की जटिलता इस तरह है कि किसी भी प्रकार की एकरूपता एक निश्चित वर्ग के लोगों का ही पक्ष लेती है। शुरू से ही तमिलनाडु राज्य नीट परीक्षा का विरोध करता आ रहा है।उनकी चिंताओं में से यह एक है जिसे राष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने व्यक्त भी किया है। सीबीएसई पाठ्यक्रमों पर यह परीक्षा आधारित रहती है, इस कारण यह उन स्कूलों के छात्रों के पक्षधर है, जहां पर सीबीएसई की परीक्षा होती है। बहुत से ऐसे स्थानीय बोर्ड भी हैं, जिनमें सीबीएसई नहीं है।