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हेल्पलाइन ऐप पर भी मिलेंगे परिणाम : चुनाव आयोग

चुनाव आयोग ने कहा कि आम चुनाव के लिए वोटों की गिनती 4 जून को सुबह आठ बजे से शुरू होगी. आयोग के अनुसार, मंगलवार को ही आंध्र प्रदेश और ओडिशा विधानसभा के साथ-साथ विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनावों के लिए भी वोटों की गिनती होगी.

इससे पहले मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू के साथ सभी मुख्य चुनाव अधिकारियों (सीईओ) और रिटर्निंग अधिकारियों (आरओ) के साथ मतगणना दिवस की तैयारियों की समीक्षा की थी. चुनाव निकाय ने कहा कि मतगणना के रुझान और परिणाम ईसीआई वेबसाइट के साथ-साथ मतदाता हेल्पलाइन ऐप, आईओएस और एंड्रॉइड मोबाइल ऐप दोनों पर उपलब्ध होंगे.

आयोग ने जारी की हैंडबुक चुनाव निकाय ने रिटर्निंग अधिकारियों और मतगणना एजेंटों के लिए एक हैंडबुक भी जारी की है, जो ईसीआई वेबसाइट पर उपलब्ध है. इसमें कहा गया है कि मतगणना व्यवस्था, वोटों की गिनती की प्रक्रिया और ईवीएम और वीवीपीएटी के भंडारण के लिए आयोग के व्यापक निर्देश पहले से ही ईसीआई वेबसाइट पर उपलब्ध हैं. इसमें कहा गया है कि सीईओ, आरओ, डीईओ द्वारा रुझानों और परिणामों का स्थानीय प्रदर्शन डिजिटल डिस्प्ले पैनल के माध्यम से भी किया जा सकता है.

देश की 543 सीटों पर हुए मतदान के परिणाम मंगलवार को आ जाएंगे. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के खुलने से लेकर बंद होने तक मतगणना की पूरी प्रक्रिया को जानना जरूरी है. चुनाव आयोग के मुताबिक, ईवीएम को डेढ़ महीने तक सहेज कर रखा जाता है. वहीं मतगणना के दिन कुल छह चरणों में सारी प्रक्रिया पूरी होती है. डालते हैं इसके सभी चरणों पर नजर…

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सहेजी जाती है ईवीएम

चुनाव परिणाम के बाद ईवीएम को 45 दिन तक स्ट्रॉन्ग रूम में सहेज जाता है. डेढ़ महीना बीतने के बाद इन्हें फिर से प्रयोग करने के लिए तैयार किया जा सकता है. ऐसा करने से पूर्व सभी प्रत्याशियों को स्ट्रॉन्ग रूम के खुलने के वक्त से 48 घंटे पहले सूचना देकर मौजूद रहने को कहा जाता है. जिला निर्वाचन अधिकारी और सभी राजनीतिक दलों की मौजूदगी में इसे खोला जाता है.

पहला चरण

  • कंट्रोल यूनिट के नंबर का गुलाबी पेपर सील और हरे पेपर सील नंबर से मिलान होता है
  • मिलान के साथ पार्टियों के पोलिंग एजेंटों को भी ये नंबर दिखाए जाते हैं
  • ईवीएम की तारीख और समय को भी रिकॉर्ड से मिलान कराया जाता है

मतगणना के दिन

  • 14 टेबल लगती है एक हॉल में
  • हर टेबल पर सील तोड़ने के लिए छोटा चाकू, लाउड स्पीकर और ब्लैकबोर्ड होता है
  • एक-एक अतिरिक्त टेबल रिटर्निंग ऑफिसर और ऑब्सर्वर के लिए
  • 16 काउंटिंग एजेंट तैनात हो सकते हैं एक केंद्र पर प्रत्याशी द्वारा

दूसरा चरण

मतगणना में सबसे पहले डाक मत पत्रों की गिनती शुरू की जाती है

चौथा चरण

  • पहले राउंड के बाद चुनाव अधिकारी रुझानों की जानकारी देता है
  • 40 मिनट तक का समय पहला राउंड पूरा होने में लगता है
  • 14 मशीनों के मतों की गिनती पहले राउंड में की जाती है

पांचवां चरण

  • एक राउंड पूरा होने के बाद ईवीएम को फिर से सील कर दिया जाता है
  • पोलिंग एजेंटों के सामने रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) व प्रेक्षक हस्ताक्षर करते हैं
  • किसी की आपत्ति दर्ज कराने के लिए आरओ दो मिनट का इंतजार करते हैं
  • इसके बाद रिटर्निंग ऑफिसर परिणाम चुनाव आयोग को भेज देता है

इन्हें मिलती है अनुमति

  • सिर्फ रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ), मतगणना कर्मी, उम्मीदवार, पोलिंग एजेंट, काउंटिंग एजेंट, चुनाव आयोग के अधिकारी और ड्यूटी पर तैनात सरकारी अधिकारियों को ही मतगणना केंद्र के भीतर जाने की अनुमति है

 

  • चुनाव आयोग के प्रेक्षक को छोड़कर किसी को भी मोबाइल फोन रखने की अनुमति नहीं होती

तीसरा चरण

  • 30 मिनट बाद ईवीएम मशीनों से वोटों की गिनती शुरू होती है
  • मशीन को ऑन कर परिणाम बटन पर लगी सील को तोड़ा जाता है
  • परिणाम बटन दबाकर किसे कितने वोट मिले, जाना जाता है

छठा चरण

  • मतगणना पूरी होने के बाद फॉर्म-20 में अंतिम परिणाम तैयार किया जाता है
  • ईवीएम को उन्हीं स्ट्रांग रूम में रख दिया जाता है, जहां से उन्हें लाया गया था

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