पश्चिम बंगाल में सातवें और अंतिम चरण की वोटिंग के दौरान कई जगहों से झड़प की खबरें सामने आ रही हैं. जयनगर लोकसभा सीट के कुलटाली में वोट देने जाने से रोके जाने पर नाराज ग्रामीणों ने मतदान केंद्र से ईवीएम ले जाकर तालाब में फेंक दिया. यह घटना कुलतली के मेरीगंज नंबर 2 जोन के बूथ नंबर 40 और 41 में हुई. इस बीच घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, हालांकि टीम को रास्ते में ही रोक लिया गया.
आरोप है कि बीच सड़क पर पेड़ की टहनियां फेंककर पुलिस की गाड़ी रोक दी गई. भाजपा प्रत्याशी अशोक कंडारी ने आरोप लगाया कि तृणमूल विपक्षी एजेंटों को बैठने नहीं दे रही है. उन्होंने चुनाव आयोग और केंद्रीय बलों पर भी उंगली उठाई.
बीजेपी का दावा है कि सुबह से ही बीजेपी कार्यकर्ताओं के एक वर्ग को बैठने तक नहीं दिया है. उन्हें इस हद तक पीटा गया कि वे उठ नहीं सके. पुलिस आई और कुछ नहीं कर पाई. ग्रामीणों ने यह भी शिकायत की कि तृणमूल समर्थित बदमाशों ने उन्हें वोट देने से रोका.
इस पूरे तनाव के बीच एक बीजेपी कार्यकर्ता घायल हो गया. घटना के बारे में पीड़ित बीजेपी कार्यकर्ता की मां ने बताया कि उनका बेटा इस बार बीजेपी का बूथ एजेंट बन गया है. लेकिन जब वह बूथ में बैठने गया तो उसे पकड़कर पीटा गया. इस बीच घटना की खबर पाकर चुनाव अधिकारी वहां पहुंचे. आयोग ने घटना के मद्देनजर जांच शुरू कर दी है.
सुबह 7 बजे से मतदान शुरू होना था, लेकिन मेरीगंज जोन 2 के बूथ 40 और 41 पर मतदान बाधित हो गया. बाद में वैकल्पिक ईवीएम लाकर वहां वोटिंग शुरू की गई. गौरतलब है कि पंचायत चुनाव में राज्य के कई जगहों पर ऐसा नजारा देखने को मिला था. वहां मतपेटी को पानी में फेंक दिया गया था.
बीजेपी प्रत्याशी ने मीडिया से कहा, ”गांव की महिलाएं बूथ नंबर 41 और 41 पर एजेंटों को बैठने से रोकने पर इकट्ठा हो गईं. उनके क्लेम एजेंटों को बैठने की अनुमति दी जाए. लेकिन सत्ता पक्ष ने रोक दिया. वे एजेंटों को बैठने नहीं देना चाहते. इसलिए सभी महिलाओं ने एकजुट होकर ईवीएम को पानी में फेंक दिया.’