
कांग्रेस ने चुनावी बॉन्ड योजना को स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया. पार्टी ने बॉन्ड के जरिये राजनीतिक दलों को मिले चंदे की विशेष जांच की मांग की.
साथ ही जांच पूरी होने तक भाजपा के बैंक खातों के लेनदेन पर रोक लगाने को कहा. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा, चुनावी बॉन्ड के आंकडे सार्वजनिक होने के बाद भाजपा की हफ्ता वसूली, रिश्वत खोरी और मुखौटा कंपनियों के जरिये धनशोधन की भ्रष्ट तरकीब उजागर हो गई है.
राहुल ने केंद्र को घेरा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को चुनावी बॉन्ड मामले में केंद्र सरकार को घेरा. उन्होंने दावा किया कि इसके माध्यम से एकत्र किए गए धन का इस्तेमाल गैर-भाजपाई राज्य सरकारों सरकारों को तोड़ने व गिराने के लिए किया गया था. कुछ साल पहले राजनीतिक वित्त प्रणाली को साफ करने के लिए चुनावी बॉन्ड तैयार करने का दावा किया गया था. इसका उद्देश्य कॉरपोरेट को पैसा देने के लिए दबाव बनाना था. मुझे उम्मीद है कि इसकी जांच होगी.
- वेदांता को तीन मार्च 2021 को राधिकापुर पश्चिम निजी कोयला खदान मिली. अप्रैल 2021 में वेदांता ने 25 करोड़ का भाजपा को चुनावी चंदा दिया. कई मुखौटा कंपनियों ने भी दान दिया है.
- मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रा ने 800 करोड़ रुपए से अधिक चुनावी बॉन्ड में दिए. अप्रैल 2023 में कंपनी ने 140 करोड़ रुपए दिए. इसके एक माह बाद उन्हें 14,400 करोड़ रुपए का ठाणे-बोरीवाली ट्विन टनल प्रोजेक्ट मिल गया.
- जिंदल स्टील एंड पावर ने 7 अक्तूबर 2022 को बॉन्ड में 25 करोड़ रुपए दिए. इसके तीन दिन बाद दस अक्बूर को कंपनी गोरे पाल्मा की कोयला खदान हासिल करने में कामयाब हो गई.
- आयकर विभाग ने दिसंबर 2023 में शिरड़ी साई इलेक्ट्रिकल्स पर छापा मारा. कंपनी ने बॉन्ड के जरिए 40 करोड़ का चंदा दिया.