
राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव में कांग्रेस को कोई नुकसान नहीं होगा. पार्टी के 10 सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहा है और इस माह होने वाले चुनाव में पार्टी को इतनी सीट मिल सकती हैं.
पार्टी को तेलंगाना से दो और कर्नाटक से तीन सीट मिल सकती हैं. राज्यसभा की 56 सीट के लिए 15 फरवरी तक नामांकन व 27 फरवरी को चुनाव होंगे.
कांग्रेस को राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और हिमाचल से एक-एक सीट, तेलंगाना से दो और कर्नाटक से तीन सीट मिल सकती है. पार्टी को बंगाल और गुजरात से कोई सीट मिलने की संभावना नहीं है जबकि पश्चिम बंगाल से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और गुजरात से अमी याग्निक का कार्यकाल भी पूरा हो रहा है.
पार्टी तेलंगाना और कर्नाटक की पांच में से चार सीट स्थानीय नेताओं को देने की तैयारी कर रही है. तेलंगाना में दोनों सीट जीतने में कांग्रेस को कोई दिक्कत नहीं है, पर कर्नाटक में एक भी विधायक ने पाला बदला, तो तीसरे उम्मीदवार के लिए मुश्किल हो सकती है. कर्नाटक में पार्टी के पास 135 विधायक है और राज्यसभा की एक सीट के लिए 45 विधायकों की जरूरत है. इसलिए, पार्टी सोच समझ कर निर्णय लेना चाहती है.
महाराष्ट्र में चुनौती महाराष्ट्र में भी पार्टी को टूट का डर है. प्रदेश में कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं, जबकि राज्यसभा सीट के लिए 42 विधायकों की जरूरत है. हालांकि बाबा सिद्दीकी के कांग्रेस छोड़ने के बाद उनके बेटे जीशान भी पार्टी का हाथ छोड़ सकते हैं. ऐसे में दो विधायकों के टूटने से पार्टी की चुनौती बढ़ जाएगी.
सोनिया-प्रियंका गांधी के नाम की अटकलें
पार्टी के एक नेता के मुताबिक, संभावित नामों पर विचार किया जा रहा है. अटकलें हैं कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी हिमाचल प्रदेश या किसी अन्य प्रदेश से राज्यसभा जा सकती हैं. कई नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को राज्यसभा भेजने की भी वकालत कर रहे हैं.
दावेदारों में कई नाम शामिल
बिहार से अखिलेश प्रसाद सिंह, राजस्थान से जितेद्र सिंह व अभिषेक मनु सिंघवी दावेदार हैं. कर्नाटक से नासिर हुसैन की राज्यसभा तय मानी जा रही है, पर पार्टी को एक और स्थानीय प्रत्याशी की तलाश है. दावेदारों में पवन खेड़ा, सुप्रिया श्रीनेत, और अरुण यादव भी शामिल हैं.