
बिलासपुर हाईकोर्ट ने महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक को पद से हटाने के आदेश पर रोक लगा दी है. साथ ही उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने के भी निर्देश दिए हैं. मामले की सुनवाई बुधवार को जस्टिस एनके चंद्रवंशी की सिंगल बेंच में हुई.
उल्लेखनीय है कि सत्ता परिवर्तन होते ही 15 दिसंबर को शासन ने सभी राजनीतिक नियुक्तियों को निरस्त करने का आदेश जारी किया था. इसमें सभी आयोग और मंडल के अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्तियां शामिल थीं. आदेश के खिलाफ अध्यक्ष किरणमयी नायक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने याचिकाकर्ता किरणमयी नायक को तीन साल के लिए नियुक्ति दी थी. उनका कार्यकाल जुलाई 2023 में फिर से तीन साल के लिए बढ़ाया गया था. फिलहाल दो साल सात महीने का कार्यकाल बचा हुआ है. याचिका के अनुसार राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद निगम, मंडल, बोर्ड व प्राधिकरणों में की गई नियुक्तियों को तत्काल प्रभाव से रद्द करने का आदेश जारी किया गया है. इसी आदेश के तहत पूर्ववर्ती सरकार में मिली सुरक्षा व्यवस्था को हटा लिया गया है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि आयोग संवैधानिक पद है. तय कार्यकाल तक आयोग में कार्य करने वाले अध्यक्ष सहित सदस्यों को नहीं हटाया जा सकता. संवैधानिक पद की अपनी अलग गरिमा होती है. याचिका में कहा गया है कि उनकी नियुक्ति को निरस्त करने का अधिकार सामान्य प्रशासन विभाग को नहीं है.