राष्ट्रबड़ी खबरेंराजनीति

गरीब परिवारों को सरकार दो-दो लाख देगी : नीतीश कुमार

पटना . बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 94 लाख गरीब परिवार हैं. इन्हें 2-2 लाख रुपए देंगे. इसमें हर वर्ग के गरीब परिवार शामिल हैं. मुख्यमंत्री विधानमंडल के दोनों सदनों में इसकी घोषणा की.

नीतीश ने आवासहीन परिवारों को जमीन व घर के लिए 2.20 लाख रुपये देने का ऐलान किया. इसमें जमीन के लिए 40 हजार रुपये अधिक दिए जाएंगे. उन्हें अब जमीन के लिए 60 हजार की जगह एक लाख और घर बनाने के लिए 1.20 लाख रुपये दिए जाएंगे. हालांकि उन्होंने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो हम इसकी सीमा भी बढ़ाएंगे.

पांच वर्षों में गरीब परिवारों पर ढाई लाख करोड़ खर्च होगा बिहार सरकार अगले पांच वर्षों में गरीब परिवारों पर ढाई लाख करोड़ खर्च करेगी. इसमें राज्य के 94 लाख गरीब परिवारों को दो-दो लाख रुपए देने के अलावा आवासहीन परिवारों को घर बनाने के लिए 40 हजार रुपये अधिक देने की योजना शामिल है. प्रदेश में 2 करोड़ 76 लाख परिवार हैं. इनमें से 59.13 फीसदी के पास पक्का मकान है, जबकि 39 लाख परिवार झोपड़ी में रहते हैं. वहीं 63 हजार 850 परिवार आवासहीन हैं. सीएम ने कहा कि हर साल 50-50 हजार करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है. राज्य सरकार कार्ययोजना बना रही है. हालांकि, उन्होंने इसके लिए केन्द्र से भी मदद मांगी और कहा कि वह यदि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दे दे तो बिहार यह काम दो से ढाई वर्षों में कर सकता है.

बिहार में 34.13 परिवार गरीब बिहार में 2 करोड़ 76 लाख 68 हजार 930 परिवार में से 34.13 फीसदी यानी 94 लाख 42 हजार 786 परिवार गरीब हैं. ये ऐसे परिवार हैं, जिनकी प्रति माह कुल आय 6000 या इससे कम है. सामान्य वर्ग में 25.09 फीसदी परिवार गरीब हैं. पिछड़ा वर्ग के 33.16 फीसदी, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के 33.58 फीसदी, अनुसूचित जाति के 42.93 फीसदी और अनुसूचित जाति वर्ग के 42.70 परिवार गरीब हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के कुल परिवारों में से 63.74 प्रतिशत परिवार ऐसे हैं, जिनकी मासिक आमदनी 10 हजार रुपये तक है.

aamaadmi.in

सामान्य वर्ग में भूमिहार, एससी में मुसहर सबसे निर्धन

जाति एवं आर्थिक आधारित रिपोर्ट के सामने आने पर सभी वर्ग, समुदाय या जाति के परिवारों की आर्थिक स्थिति सामने आ गई है. इसमें विभिन्न वर्ग तथा जातियों की वास्तविक तस्वीर सामने आई है. साथ ही कई सामाजिक मिथ भी टूटे हैं. कुछ जातियों के परिवार की संख्या भले कम है, लेकिन वे आर्थिक तौर पर अधिक आबादी वाली जातियों से ज्यादा संपन्न हैं. यह भी देखने को मिला कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग में गरीब जातियों की संख्या सबसे अधिक है.

बिहार में सरकारी नौकरी में सबसे अधिक 6.68 कायस्थ समाज के लोग हैं. शेष अन्य जातियों के लोग नौकरी में अपेक्षाकृत इनसे कम हैं. सवर्ण में भूमिहार से कम राजपूत और उनसे भी कम ब्राहण जाति के लोग सरकारी नौकरी में हैं. ब्राहण जाति के 3.60, भूमिहार 4.99 और राजपूत 3.81, पिछड़े वर्ग में आने वाली कुर्मी जाति के लोग 3.11, अति पिछड़ा वर्ग से आने वाली कुशवाहा जाति 2.04 प्रतिशत, पिछड़े समाज के यादव जाति के 1.55, बनिया जाति के 1.96 लोगों के पास सरकारी नौकरी है.

 

join whatsapp channel

delhi news today | cm delhi news | aap party delhi news | bjp party delhi news | congress party delhi news | air quality index delhi news | ani delhi news | ians delhi news today | PTI delhi news | delhi news crime | arvind kejariwal news | delhi news english | chhattisgarh news today | chhattisgarh news accident | chhattisgarh news aaj ki taaja khabar | aaj ka chhattisgarh news | aaj ki chhattisgarh news | bjp party chhattisgarh news | chhattisgarh news raipur | vishnudev say news chhattisgarh | chhattisgarh news channel samachar | छत्तीसगढ़ न्यूज़ चैनल | cg chhattisgarh news | congress chhattisgarh news | daily chhattisgarh news | dpr chhattisgarh news | digital chhattisgarh news | chhattisgarh news english | chhattisgarh news epaper | chhattisgarh news election | chhattisgarh news ed


aamaadmi.in अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरें

ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें. aamaadmi.in पर विस्तार से पढ़ें aamaadmi patrika की और अन्य ताजा-तरीन खबरें

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
विराट कोहली की सेंचुरी से खुश हुए पाकिस्तानी भारत बनाम पाकिस्तान, हेड टू हेड रिकॉर्ड पाकिस्तान में बजा भारत का राष्ट्रगान चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में भारत का शेड्यूल