छत्तीसगढ़ में पहले चरण के मतदान में कांकेर के पखांजूर में बने देश का पहला रेनबो मतदान केंद्र चर्चा का विषय बना हुआ है, जहां थर्ड जेंडरों ने मतदान किया. जब थर्ड जेंडर मतदान करने पहुंचे तो मतदान मित्रों ने पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया.
कांकेर में मतदान के प्रति सुबह से ही काफी रूझान दिख रहा है. अपनी क्रिएटिविटी को लेकर अक्सर चर्चाओं में रहने वाली कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला की अनूठी पहल इस बार के चुनाव में भी दिख रही है. पखांजूर के रेनबो मतदान केंद्र में तैनात 4 सुरक्षाकर्मी भी तीसरे लिंग के हैं. पखांजूर में बना रेनबो पोलिंग बूथ तो इतना खुबसूरत बना है कि कई लोग यहां के पोलिंग बूथ की सिर्फ तस्वीर लेने के लिए पहुंच रहे हैं.
रेनबो मॉडल मतदान केंद्र कांकेर जिले के पखांजूर-3 क्षेत्र में स्थापित किया गया है, जहां जिले में सबसे अधिक तृतीय लिंग मतदाता हैं. यह मॉडल मतदान केंद्र न केवल अधिकतम मतदाताओं को आकर्षित करने बल्कि तीसरे लिंग के संबंध में सामाजिक आशंकाओं और कलंक को दूर करने के लिए स्थापित किया गया है. साथ ही तीसरे लिंग को यह महसूस कराने के लिए भी रेनबो पोलिंग बूथ को तैयार किया गया है कि वे लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं.
आजादी के बाद पहली बार धुर नक्सली गांव में मतदान
बस्तर जिले के चांदामेटा गांव को नक्सलियों का अभेद किला कहा जाता था. लेकिन आजादी के बाद पहली बार उस गांव में बने मतदान केंद्र पर वोटिंग हो रही है. ऐसे में मतदाताओं में भारी उत्साह देखा जा रहा है. यहां सुरक्षा को लेकर तगड़े इतजाम किए गए हैं, किसी प्रकार की कोई चूक न हो इसलिए बड़ी संख्या में यहां सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है. यह बस्तर का बॉर्डर का एरिया है, यहां से ओडिशा के घने जंगल लगते हैं बताया जाता है कि झीरम हमले के बाद बड़ी संख्या में नक्सली इसी इलाके में जमा हुए थे, इसके बाद बड़े लीडर ओडिशा और सकुमा बीजापुर रवाना हुए.