
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ‘रिश्वत लेकर सवाल पूछने’ के आरोप से संबंधित मामले में दो नवंबर को लोकसभा की आचार समिति के सामने पेश होंगी. उन्होंने दावा किया कि उन पर झूठे आरोप लगाए हैं और समिति के सामने वह सच सामने लाएंगी.
महुआ मोइत्रा ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने लोकसभा की आचार समिति के प्रमुख विनोद कुमार सोनकर से पांच नवंबर के बाद समिति की बैठक बुलाने का आग्रह किया था. मगर, समिति ने दो नवंबर से आगे की तारीख बढ़ाने से इनकार कर दिया था. मोइत्रा ने सवाल किया कि क्या आचार समिति कथित आपराधिकता के आरोपों की जांच करने के लिए उचित मंच है? क्योंकि, संसदीय समितियों में आपराधिक मामलों में क्षेत्राधिकार का अभाव है. उन्होंने ऐसे मामलों में कानून प्रवर्तन एजेंसियों को शामिल करने के महत्व पर जोर दिया. मोइत्रा ने दावा किया कि लोकसभा आचार समिति ने अभी तक आदर्श आचार संहिता तय नहीं की है. वर्ष 2021 के बाद से समिति की कोई बैठक नहीं हुई थी. उन्होंने कहा कि वह दो नवंबर को समिति के समक्ष पेश होकर अपना पक्ष रखेंगी. सनद रहे कि इस मामले में वकील जय अनंत देहद्रई और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने पिछले दिनों लोकसभा की आचार समिति के समक्ष पेश होकर अपने बयान दर्ज करवाए थे.
मानहानि मामले में मीडिया हाउस के नाम वापस लिए
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने कथित अपमानजनक सामग्री के प्रसार के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में अपनी याचिका से कई मीडिया घरानों को पक्षकार के रूप में हटाने की अपील की. न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की अदालत ने मंगलवार को इस अर्जी को स्वीकार कर लिया. महुआ मोइत्रा के वकील ने अदालत को बताया कि मुकदमा केवल दो प्रतिवादियों भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहद्रई के खिलाफ जारी रहेगा. इस मामले को दिसंबर में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है.