सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को शिवसेना में टूट के बाद पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट को आवंटित किए जाने के भारतीय निर्वाचन आयोग के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिका पर 31 जुलाई को सुनवाई करने की सहमति दे दी. आयोग के फैसले के खिलाफ राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे गुट ने शीर्ष न्यायालय में याचिका दाखिल की है.
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने याचिकाकर्ता की दलीलों को सुनने के बाद कहा कि मामले की सुनवाई 31 जुलाई को होगी. इससे पहले, याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अमित आनंद तिवारी ने पीठ से मामले पर जल्द सुनवाई करने का आग्रह किया. कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई की तारीख तय करते हुए याचिकाकर्ता के अधिवक्ता से शिंदे गुट द्वारा दाखिल जवाब पर अपना प्रत्युत्तर (जवाबी हलफनामा) दाखिल करने को कहा. इस मामले में 22 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे गुट को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था.
तत्काल सुनवाई की आवश्यकता बताई ठाकरे गुट ने शीर्ष न्यायालय में कहा कि इस मामले में तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है क्योंकि 11 मई को संविधान पीठ द्वारा पारित फैसले के मद्देनजर निर्वाचन आयोग द्वारा लिया गया फैसला पूरी तरह अवैध है. मामले की जल्द सुनवाई की मांग को लेकर दाखिल अर्जी में ठाकरे गुट की ओर से कहा गया कि चुनाव होना है और प्रतिवादी संख्या-1 शिंदे गुट अवैध रूप से पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न का इस्तेमाल कर रहा है.
शिंदे गुट को मिला था चुनाव चिह्न भारतीय निर्वाचन आयोग ने 17 फरवरी को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले समूह को ‘शिवसेना’ नाम और उसका चुनाव चिह्न ‘धनुष और तीर’ आवंटित कर दिया. इसके खिलाफ उद्धव ठाकरे गुट ने याचिका दाखिल की है.