सूचना व प्रसारण मंत्रालय ने वीरवार को कहा कि राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने मिजोरम की अपनी यात्रा पर वर्चुअल माध्यम के जरिए मिजोरम विश्वविद्यालय में स्थित भारतीय जनसंचार संस्थान उत्तर पूर्वी परिसर का उद्घाटन किया. आईआईएमसी, सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संस्थान है. आईआईएमसी के उत्तर पूर्वी परिसर ने 2011 में मिजोरम यूनिवर्सिटी की ओर से उपलब्ध कराए गए एक अस्थायी भवन में काम शुरू किया था. इस परिसर के लिए निर्माण कार्य 2015 में शुरू हुआ और यह 2019 में पूरा हुआ.इसकी कुल लागत 25 करोड़ रुपए है.
मिजोरम विश्वविद्यालय की ओर से दी गई 8 एकड़ भूमि पर आईआईएमसी के स्थायी परिसर में छात्रावास व स्टाफ क्वार्टर के साथ अलग-अलग प्रशासनिक और शैक्षणिक भवन हैं. अपनी स्थापना के समय से यह परिसर अंग्रेजी पत्रकारिता में पी.जी. डिप्लोमा पाठ्यक्रम की सुविधा प्रदान कर रहा है. इसके लिए अधिकांश छात्र भारत के अन्य हिस्से और कुछ उत्तर- पूर्वी राज्यों से आते हैं. इस वर्ष अंग्रेजी पत्रकारिता में दूसरी बार एक टॉपर के होने पर संस्थान को गर्व है. यह परिसर अपने छात्रों को कैंपस प्लेसमेंट और अपने खुद के प्रयासों से पूरे देश के प्रतिष्ठित मीडिया संगठनों में रोजगार सुरक्षित करने में सक्षम बनाता है.
यहां के छात्र हर वर्ष दूरदर्शन जैसे जाने-माने मीडिया संगठनों में अपनी अलग पहचान बना रहे हैं. 2022-23 सत्र से आईआईएमसी के दो अन्य परिसरों के साथ उत्तर पूर्वी परिसर को डिजिटल मीडिया में पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रम को शुरू करने के लिए चुना गया है. मौजूदा परिस्थिति में इस पाठ्यक्रम को डिजिटल मीडिया के महत्व और सार्थकता को ध्यान में रखते हुए शुरू किया गया है.यह संस्थान उन सभी के लिए आभार व्यक्त करता है, जिन्होंने किसी न किसी रूप में अपना योगदान दिया है.
इनमें विशेष रूप से एमजेडयू शामिल है, जिसने एमजेडयू परिसर में आईएमसीसी की इस शाखा के काम करने के बाद से अकादमिक और प्रशासनिक सहायता प्रदान की है.2011 में उद्घाटन के बाद से इस संस्थान का नेतृत्व क्षेत्रीय निदेशक श्री एल. आर. सेलो कर रहे हैं. इनके पास जनसंपर्क के क्षेत्र में दशकों का अनुभव है. उन्होंने मिजोरम सरकार में सूचना और जनसंपर्क विभाग के निदेशक के रूप में 20 वर्षों से अधिक अवधि के लिए कार्य किया है.सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) एक प्रमुख पत्रकारिता संस्थान है.
1965 में इसकी स्थापना भारत और अन्य विकासशील देशों में मीडिया पेशेवरों की प्रशिक्षण जरूरतों को पूरा करने के लिए की गई थी. उस समय से यह भारतीय सूचना सेवा के लिए एक प्रशिक्षण संस्थान के रूप में कार्य करता रहा है. इसके बाद प्रतियोगी प्रवेश परीक्षा के माध्यम से आकांक्षी पत्रकारों के लिए भी पाठ्यक्रम शुरू किया गया. आईआईएमसी ने देश में मीडिया शिक्षा की जरूरत को पूरा करने के उद्देश्य से देश के विभिन्न हिस्सों में 5 क्षेत्रीय परिसरों का विस्तार किया है और उन्हें संस्थागत रूप प्रदान किया है.