देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की मौजूदा हालात ठीक नहीं है. एक तरफ राहुल गांधी पार्टी को जोड़ने निकले हैं तो वहीं दूसरी तरफ पार्टी के अंदर ही घमासान मचा हुआ है. ताजा मामला राजस्थान का है, जहां सियासी उठापटक तेज है. गहलोत के अध्यक्ष बनने के बाद अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर तकरार चल रहा है. कांग्रेस के सभी आलाकमान इसी मसले को सुलझाने में लगे हैं. वहीं, इसी बीच असम से भी कुछ इसी तरह की खबर सामने आई है. यहां एक बैठक के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता आपस में ही एक-दूसरे से लड़ बैठे.
असम के धुबरी जिले के राजीव भवन में सोमवार एक बैठक हुई. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं के दो गुटों के बीच झड़प हो गई. इस बैठक में राहुल गांधी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पर चर्चा चल रही थी. इसी दौरान कुछ ऐसा हुआ कि कांग्रेस कार्यकर्ता आपस में ही दो गुटों में बंट गए और दोनों समुहों के बीच झड़प शुरू हो गई. राहुल की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ असम में एक नवंबर से शुरू होने वाली है.
वहीं, इस मामले में स्थानीय कांग्रेस विधायक वजेद अली चौधरी ने कहा कि जिला पार्टी इकाई विभाजित नहीं है और दोनों समूहों के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. कुछ गलतफहमियां हैं. एक समूह ने जिला कांग्रेस अध्यक्ष पर आरोप लगाए. हमने उनसे कहा कि हम इस मामले पर चर्चा करेंगे और किसी भी तरह की गड़बड़ी की स्थिति में इसका समाधान करेंगे.’ चौधरी ने आगे बताया, ‘चर्चा के दौरान एक गुट ने कांग्रेस जिलाध्यक्ष पर आरोप लगाए. जब उन्होंने अपना मुद्दा उठाया तो हमारी पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया और इसके बाद ऐसी घटना घटी.’
राजस्थान में सियासी घमासान
कांग्रेस शासित राजस्थान के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम में राज्य के लगभग डेढ़ दर्जन नेता मुख्य भूमिका में सक्रिय हैं जिन पर सबकी निगाह लगी है. तीसरी बार मुख्यमंत्री बने अशोक गहलोत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल हैं. दिसंबर 2018 में कांग्रेस के सत्ता में आने पर मुख्यमंत्री पद को लेकर उनका सचिन पायलट के साथ टकराव था. जुलाई 2020 में जब तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने गहलोत के नेतृत्व को लेकर बगावत की थी तो उस दौरान गहलोत अपनी सरकार को बचाने में सफल रहे थे.