नई दिल्ली, 27 अगस्त भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के अनुसार, निजी क्षेत्र के प्रमुख ऋणदाता कोटक महिंद्रा बैंक ने चालू वित्त वर्ष (2022-23) की पहली तिमाही (अप्रैल से जून) में धोखाधड़ी के 5,278 मामले दर्ज किए.
इसके विपरीत, देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने इसी अवधि के दौरान केवल नौ धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए.
हालांकि धोखाधड़ी की प्रकृति और मामलों में शामिल राशि की मात्रा डेटा में निर्दिष्ट नहीं है, कोटक महिंद्रा बैंक द्वारा रिपोर्ट की गई बड़ी संख्या में धोखाधड़ी चिंता का विषय है.
इस आंकड़े की तुलना में, अन्य प्रमुख निजी क्षेत्र के बैंक जैसे आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, इंडसइंड बैंक और एक्सिस बैंक चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही तक की धोखाधड़ी के मामले में कोटक महिंद्रा बैंक से काफी पीछे रहे.
इस अवधि के दौरान आईसीआईसीआई बैंक ने धोखाधड़ी के 436 मामले दर्ज किए, इसके बाद एचडीएफसी बैंक (303), इंडसइंड बैंक (200), और एक्सिस बैंक (195) का स्थान रहा. आरबीआई के अनुसार, आरबीएल बैंक ने वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही के दौरान धोखाधड़ी के 150 मामले दर्ज किए.
इसकी तुलना में, देश के शीर्ष सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों जैसे एसबीआई, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (सीबीआई), केनरा बैंक, द्वारा रिपोर्ट किए गए धोखाधड़ी के मामलों की संख्या, इसी अवधि के दौरान बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई), बैंक ऑफ महाराष्ट्र और बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) ज्यादातर एकल अंकों में रहे, केनरा बैंक ने एक भी मामले की रिपोर्ट नहीं की.