नई दिल्ली. दुनियाभर में बढ़ती अनिश्चितता के माहौल में भारत में बढ़ती बेरोजगारी ने चुनौतियां बढ़ी दी हैं. आर्थिक थिंक-टैंक सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के आंकड़ों के मुताबिक जून 2022 में देश में रोजगार में एक करोड़ से अधिक की गिरावट आई है. हालांकि, चालू महीने में इसमें सुधार का अनुमान जताया गया है.
सीएमआईई के आंकड़ों के अनुसार मई के महीने में अखिल भारतीय बेरोजगारी दर 7.12 प्रतिशत रही थी. सीएमआईई ने कहा कि भारत के जून 2022 के श्रम आंकड़े बेहद निराशाजनक रहे हैं. रोजगार मई 2022 में 40.4 करोड़ से घटकर जून 2022 में 39.0 करोड़ रह गया था.
इससे पता चलता है कि जून में श्रम बाजार सिकुड़ गया था. जून में बेरोजगारी दर 7.80 प्रतिशत थी. सीएमआईई ने कहा कि श्रम भागीदारी दर जून में अपने निम्नतम स्तर 38.8 प्रतिशत पर पहुंच गई जो उससे पहले के दो महीनों में 40 प्रतिशत पर रही थी. सीएमआईई के मुताबिक, जून 2022 में वेतनभोगी नौकरियों की संख्या में करीब 25 लाख की गिरावट दर्ज की गई. इस तरह वेतनभोगी तबके के लिए हालात प्रतिकूल होते हुए नजर आ रहे हैं. उसके लिए राहत तभी हो सकती है जब अर्थव्यवस्था अधिक तेज गति से बढ़े ताकि ज्यादा रोजगार अवसर पैदा हो सकें.
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