मुंबई. शिंदे सरकार ने सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया है। हालांकि, शिवसेना ने एकनाथ शिंदे सरकार के महाराष्ट्र विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने पर निशाना साधा है। शिवसेना ने एकनाथ शिंदे के विश्वास मत की जीत को ‘बहुमत की चोरी’ बताया है। उन्होंने कहा कि यह विश्वास मत राज्य के लोगों का नहीं था।
सामना में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर कसा तंज
शिवसेना ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर भी कटाक्ष करते हुए पूछा कि वह व्यक्ति कौन था, जिसने उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने से रोका था। शिवसेना के मुखपत्र सामना ने मंगलवार को अपने संपादकीय में लिखा कि फडणवीस ने शिंदे को मजबूत और महान नेता बताया। लेकिन वह खुद ही मुख्यमंत्री नहीं बन सके। भाजपा और शिंदे गुट ने विधानसभा में विश्वास मत हासिल किया जो चोरी का बहुमत है। यह महाराष्ट्र के 11 करोड़ लोगों का विश्वास नहीं है। मुखपत्र में आगे कहा कि उनकी वापसी पर फडणवीस की टिप्पणी मजाकिया थी और आगाह किया कि उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री हैं।
देवेंद्र फडणवीस न भूलें एकनाथ शिंदे हैं मुख्यमंत्री- सामना
सामना में फडणवीस पर तंज कसते हुए कहा गया कि ‘मैं फिर आया और दूसरों को भी साथ लाया’, इस मौके पर देवेंद्र फडणवीस ने ऐसा बयान दिया जो बेहद ही मजाकिया है। उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री हैं। सामना ने विधायक संतोष बांगर पर भी निशाना साधा। पार्टी ने कहा जो विश्वास मत से पहले उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ एकनाथ शिंदे गुट में शामिल हो गए। विधायक संतोष बांगर विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव तक शिवसेना के पक्ष में खड़े रहे और 24 घंटे में ऐसा क्या हुआ कि शिंदे गुट में शामिल हो गए।
शिंदे गुट-भाजपा गठबंधन ने जीता विश्वास मत
बता दें कि फ्लोर टेस्ट के समय भाजपा समर्थित शिंदे समूह को 164 विधायकों का समर्थन मिला और 99 ने इसके खिलाफ मतदान किया। कांग्रेस, एनसीपी के कुछ विधायक बहुमत परीक्षण के समय अनुपस्थित थे। आश्चर्य की बात यह है कि अशोक चव्हाण जैसे वरिष्ठ मंत्री और विजय वडेट्टीवार विधानसभा नहीं पहुंच सके। देवेंद्र फडणवीस ने बहुमत परीक्षण को सफल बनाने पर सभी को धन्यवाद दिया था।