दिल्ली. दवा की कीमतों के लिए बनी नियामक एजेंसी राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने 84 दवाओं की खुदरा कीमत तय कर दी है. जिन दवाओं की कीमतें तय की गई हैं उनमें डायबिटीज, सिरदर्द, उच्च रक्तचाप के इलाज में काम आने वाली दवाएं प्रमुख हैं. एक नोटिफिकेशन में दवाओं की कीमतें निश्चित करने के आदेश की जानकारी दी गई है. ऑर्डर के मुताबिक, वोग्लिबोस और (एसआर) मेटफॉर्मिन हाइड्रो क्लोराइड के एक टैबलेट की कीमत 10.47 रुपये होगी जिसमें जीएसटी शामिल नहीं है. इसी तरह पैरासिटामोल और कैफीन की कीमत 2.88 रुपये प्रति टैबलेट तय की गई है. इसके अलावा एक रोसुवास्टेटिन एस्पिरिन और क्लोपिडोग्रेल कैप्सूल की कीमत 13.91 रुपये तय की गई है.
ब्याज समेत होगी वसूली
एपीपीए ने तय किया है कि अब कोई भी दुकानदार इन दवाओं की कीमत तय मूल्य से अधिक नहीं वसूल सकेगा. अगर कोई दुकानदार ऐसा करते पकड़ा जाता है तो उससे ब्याज समेत पैसा वसूल किया जाएगा. एनपीपीए ने कहा कि उसने इस साल 30 सितंबर तक लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन और ऑक्सीजन इनहेलेशन (औषधीय गैस) की संशोधित अधिकतम कीमत बढ़ा दी है. एनपीपीए को थोक दवाओं और फॉर्मूलेशन की कीमतों को तय या संशोधित करने और देश में दवाओं की कीमतों और उपलब्धता को लागू करने का अधिकार है.
क्या करता है एनपीपीए?
दवाओं की कीमतें तय करने का एक निर्धारित कानून है. इसमें सरकार एक लिस्ट तय करती है. इस लिस्ट को नेशनल लिस्ट ऑफ इसेंशियल मेडीसिन्स या एनएलईएम कहा जाता है. इस लिस्ट में जीवनरक्षक दवाओं को शामिल किया जाता है. इन दवाओं की कीमतें आम आदमी की पहुंच से दूर ना हो इसके लिए कीमतें निर्धारित की जाती हैं. इसी के लिए सरकार ने ड्रग रेगुलेटर एनपीपीए का गठन किया है.