
Mohall Clinic Cag Report: दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार ने मोहल्ला क्लीनिक को गरीबों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के उद्देश्य से शुरू किया था। लेकिन हाल ही में आई कैग (CAG) रिपोर्ट में कई खामियां सामने आई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इन क्लीनिकों में मरीजों को सही समय तक परामर्श (कंसल्टेशन) नहीं मिल रहा, और कई क्लीनिकों में जरूरी दवाओं और उपकरणों की भी कमी पाई गई है।
मरीजों को एक मिनट से भी कम समय का परामर्श
कैग की रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर 2022 से मार्च 2023 के बीच मोहल्ला क्लीनिक में आए 70% मरीजों को डॉक्टर ने एक मिनट से भी कम समय दिया। इतना कम समय किसी भी बीमारी का सही इलाज तय करने के लिए पर्याप्त नहीं है।
इसके अलावा, 18% मोहल्ला क्लीनिक 15 दिन से लेकर 23 महीने तक बंद रहे। इसका मुख्य कारण डॉक्टरों की अनुपलब्धता, इस्तीफे और पैनल से बाहर होना बताया गया।
चार जिलों – उत्तर पूर्व, दक्षिण, दक्षिण पश्चिम और पश्चिम दिल्ली में 218 क्लीनिकों में से 41 क्लीनिक ऑडिट के समय बंद पाए गए। इससे दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं पर बड़ा असर पड़ा।
कैग की रिपोर्ट में मिली ये बड़ी खामियां
जरूरी दवाओं की कमी:
165 जरूरी दवाएं जिनकी उपलब्धता होनी चाहिए थी, वे पूरी तरह से स्टॉक में नहीं थीं।
दवा आपूर्ति में तीन से छह महीने तक की देरी हुई, जिससे मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल सका।
मेडिकल उपकरणों की अनुपलब्धता:
कई क्लीनिकों में पल्स ऑक्सीमीटर, ग्लूकोमीटर, एक्स-रे व्यूअर, थर्मामीटर और ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग डिवाइस जैसे जरूरी उपकरण नहीं थे।
लैब सेवाएं ठप:
16 नवंबर 2022 से 14 दिसंबर 2022 तक मोहल्ला क्लीनिकों में कोई लैब सेवा नहीं थी और कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं की गई।
कम क्लीनिक बने:
AAP सरकार ने 2015 में 1,000 मोहल्ला क्लीनिक खोलने का वादा किया था, लेकिन अभी तक सिर्फ 53% क्लीनिक ही स्थापित हो सके।
उनके दूसरे कार्यकाल में सिर्फ 38 क्लीनिक बनाए गए, जो तय लक्ष्य से बहुत कम हैं।