
बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा ममता कुलकर्णी, जो 90 के दशक में सुपरहिट नाम रही हैं, अब पूरी तरह से एक नई जिंदगी शुरू कर चुकी हैं। लंबे समय तक विवादों में रहने और 25 साल तक देश से दूर रहने के बाद, उन्होंने भारत लौटकर संन्यास का मार्ग अपनाया है।
किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनने का फैसला
महाकुंभ के दौरान ममता कुलकर्णी पवित्र संगम में पिंडदान कर अपनी नई यात्रा की शुरुआत करेंगी । उन्होंने किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और जूना अखाड़े की महामंडलेश्वर स्वामी जय अम्बानंद गिरी से मुलाकात की। इस दौरान की तस्वीरें और वीडियोज सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं।
महामंडलेश्वर बनने की प्रक्रिया
महामंडलेश्वर का पद केवल सम्मानजनक ही नहीं, बल्कि जिम्मेदारियों से भी भरा होता है। इसके लिए पहले संत की दीक्षा लेना, शास्त्री और आचार्य बनना अनिवार्य है। पिंडदान के बाद संन्यासी जीवन जीने का संकल्प लिया जाता है।
भगवा रूप में ममता कुलकर्णी
ममता कुलकर्णी को महाकुंभ में भगवा चोला पहने देखा गया। उन्होंने इसे अपने जीवन का सबसे पवित्र और यादगार पल बताया। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह उनके लिए सौभाग्य की बात है कि वह इस पवित्र बेला में शामिल हो सकीं।
25 साल बाद भारत लौटने की कहानी
52 वर्षीय ममता कुलकर्णी दिसंबर 2024 में भारत लौटीं। मुंबई एयरपोर्ट पर सालों बाद उनकी झलक देखने को मिली। इसके बाद उन्होंने कई इंटरव्यू में अपने अतीत पर खुलकर बातचीत की और स्पष्ट किया कि वह अब फिल्मों में वापसी नहीं करेंगी।
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90 के दशक की सुपरस्टार
ममता कुलकर्णी 90 के दशक की हिट अभिनेत्री थीं और उन्होंने कई सुपरस्टार्स के साथ काम किया। लेकिन विवादों के चलते वह फिल्मों से दूर हो गईं। 2003 में आखिरी बार उन्होंने एक बांग्लादेशी फिल्म में अभिनय किया था।