
दिल्ली में विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर झुग्गी-बस्ती में रहने वाले गरीबों के लिए पक्के मकानों को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच इस मुद्दे पर घमासान छिड़ा हुआ है।
बीजेपी का आरोप: पक्के मकान खंडहर बन गए
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार की लापरवाही के कारण गरीबों के लिए बनाए गए लगभग 50,000 फ्लैट खंडहर में तब्दील हो चुके हैं। उन्होंने कहा, “दिल्ली के गरीबों के लिए बनाए गए फ्लैट्स न केवल खाली पड़े हैं, बल्कि इनकी हालत इतनी खराब हो चुकी है कि इनमें रहना संभव नहीं है।”
सचदेवा ने दावा किया कि फ्लैट्स की मरम्मत के लिए आवश्यक 250 करोड़ रुपये का बजट जारी नहीं किया गया, जिससे यह योजना असफल हो गई। उन्होंने कहा कि केजरीवाल अब नए मकानों की मांग कर रहे हैं, जबकि पहले से बनाए गए फ्लैट्स गरीबों तक नहीं पहुंचे।
कांग्रेस का आरोप: भाजपा और AAP की लड़ाई में फंसे गरीब
कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान जवाहरलाल नेहरू अर्बन रिन्यूअल मिशन (JNNURM) के तहत 52,344 फ्लैट्स बनाने का अनुबंध हुआ था। इनमें से 35,744 फ्लैट्स का निर्माण पूरा हुआ, लेकिन सिर्फ 4,833 फ्लैट्स ही आवंटित किए गए।
उन्होंने भाजपा और आप दोनों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उनकी लड़ाई के कारण आज भी 30,303 फ्लैट खाली पड़े हैं, जबकि 16,600 फ्लैट अब निर्माणाधीन अवस्था में ही खस्ताहाल हो गए हैं। दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद फ्लैट्स का आवंटन आज तक पूरा नहीं हो सका।
आप का पलटवार: गरीबों की प्राथमिकता
आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रवक्ता संजीव कौशिक ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों पर पलटवार करते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार ने हमेशा गरीबों के लिए काम किया है। उन्होंने कहा, “दिल्ली सरकार ने जमीन न होने के बावजूद केंद्र सरकार के साथ मिलकर आवासीय योजनाओं पर पहल की थी, लेकिन बीजेपी की राजनीति के चलते इसे पूरा नहीं किया जा सका।”
संजीव कौशिक ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने जानबूझकर फ्लैट्स का आवंटन नहीं होने दिया, क्योंकि इससे केजरीवाल को राजनीतिक लाभ मिल सकता है। उन्होंने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा, “यदि बीजेपी को गरीबों की इतनी ही चिंता है, तो 24 घंटे के भीतर फ्लैट्स का आवंटन कर दिखाए।”
राजनीतिक विश्लेषण: झुग्गी-बस्ती का वोट बैंक
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि झुग्गी-बस्ती में रहने वाले गरीब आप का मजबूत वोट बैंक रहे हैं। मुफ्त बिजली, पानी और स्वास्थ्य सुविधाओं के चलते यह वर्ग केजरीवाल का समर्थन करता है।
हालांकि, बीजेपी द्वारा पक्के मकान देने के वादे ने इस वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश की है। अब केजरीवाल का केंद्र से सफाई कर्मियों के लिए मुफ्त आवास की मांग करना इसे भाजपा के दांव का जवाब माना जा रहा है।
क्या होगा नतीजा?
झुग्गी-बस्ती पर बढ़ती राजनीति और आरोप-प्रत्यारोप के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि इन योजनाओं का भविष्य क्या होता है। चुनावी नतीजे यह भी बताएंगे कि दिल्ली का गरीब वर्ग किस पार्टी पर विश्वास करता है।