
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 के दौरान अचानक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया। जब उन्हें सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच में प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिली, तो उन्होंने मैच के ठीक बाद संन्यास का ऐलान किया, जिससे सभी को हैरानी हुई।
अश्विन ने अब अपने संन्यास के फैसले पर विस्तार से बात की है और बताया कि क्यों उन्होंने अचानक इस कदम को उठाया।
“मुझे फेयरवेल मैच की जरूरत नहीं थी” – रविचंद्रन अश्विन
अश्विन ने ‘ऐश की बात’ यूट्यूब चैनल पर दिए अपने बयान में कहा, “जब पहले सोशल मीडिया का दौर नहीं था, तब खिलाड़ी के संन्यास लेने पर एक हफ्ते बात करते थे और फिर भूल जाते थे। फेयरवेल मैच मिलने से क्या ही बदल जाता? इस खेल ने मुझे बहुत कुछ दिया है और मैंने इसे बहुत खुशी से खेला है। मुझे अभी और भी क्रिकेट खेलनी है। मैं भारतीय टीम से नहीं खेल सकूंगा, लेकिन जहां मौका मिलेगा, वहां खेलूंगा।”
अश्विन का मानना है कि उनके क्रिकेट में अभी और दम था
अश्विन ने आगे कहा कि वह अपने अच्छे क्रिकेट के समय में खेल को अलविदा कहना चाहते थे। वह नहीं चाहते थे कि टीम पर बोझ बनें। उन्होंने कहा, “मेरे क्रिकेट में अभी और दम था। मैं और भी खेल सकता था, लेकिन जब लोग आपसे ‘संन्यास क्यों नहीं ले रहे’ की जगह ये पूछे कि ‘क्यों संन्यास लिया’, तो इस तरह खेल को खत्म करना हमेशा बेहतर होता है।”
अश्विन का शानदार टेस्ट करियर
अश्विन का टेस्ट क्रिकेट करियर बेमिसाल रहा है। उन्होंने 106 टेस्ट मैच खेले, जिसमें 24 की औसत से 537 विकेट हासिल किए। उन्होंने 37 बार 5 विकेट हॉल लिया और उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 7/59 विकेट का रहा। बल्ले से भी उनका योगदान महत्वपूर्ण रहा, उन्होंने 25.75 की औसत से 3,503 रन बनाए, जिसमें 6 शतक और 15 अर्धशतक शामिल थे।
वनडे और टी-20 करियर में भी शानदार प्रदर्शन
अश्विन ने 116 वनडे में 33.20 की औसत से 156 विकेट और 65 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 23.22 की औसत से 72 विकेट लिए थे।
भारतीय सरजमीं पर सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज
अश्विन भारतीय सरजमीं पर सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। उन्होंने भारत में 65 टेस्ट मैच खेले हैं और 127 पारियों में 21.57 की औसत से 383 विकेट लिए हैं। उनके नाम 29 बार भारत में 5 विकेट हॉल हैं, और उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 7/59 का रहा है। अनिल कुंबले इस मामले में दूसरे स्थान पर हैं, जिन्होंने 63 टेस्ट मैचों में 24.88 की औसत से 350 विकेट लिए थे।